Will always be present !
तुम नही तो क्या ? हम उपस्थित है ।
तुम नही तो क्या ? फिर भी अर्पित है ।
हमसे या ख़ुद से भयभीत न हो ।
आज भी हम वही है, जो कभी थे।
तुम सोचो मत की सब परिवर्तित हुआ,
यही होना था बस आभास न हुआ।
समय तब भी था, अब भी है,
आज भी हम वही है, जो कभी थे।
मन से शंका निकल दो,
तुम ध्रिणा ना होगे, तब भी हम है,
जब हम ऋण होंगे, तब तुम होगे।
धीरे धीरे सब कट जायेगा,
थोडी सी पीडा, अवश्य दे जायेगा।
आभास है हमें, हम महत्वपूर्ण है,
तुम्हारे बिना थोड़े से अपूर्ण है।
पूर्ण होना उचित नही,
थोडी से कमी विचित्र ही सही।
अब साथ तो दूँगा नही, इसलिए स्वतंत्र रहो,
मेरे लिए अब और प्रश्न न करो।
लिखित मन तुम्हारे लिए नही, हमारे लिए है,
पर प्रश्न सिर्फ़ मेरे लिए नही।
उत्तर की प्रतीक्षा ना करो, बस अब उन्मुक्त रहो।
मुझे सहानुभूति नही अच्छे विचार चाहिए,
तुम नही तो क्या?
मेरा पूरा संसार है और,
मुझे पूरा की पूरा चाहिए।
1 comment:
नैराश्य मेँ भी माधुर्य मोहक है, बहुत अच्छा।
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